Shri Ram Chalisa

श्री राम चालीसा चौपाई श्री रघुवीर भक्त हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रहृ इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥ … Read More

Jhoole lal chalisa

श्री झूलेलाल चालीसा दोहा जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप | अमर उडेरो लाल जय, झुलेलाल अनूप || चौपाई रतनलाल रतनाणी नंदन | जयति देवकी सुत जग वंदन || दरियाशाह वरुण अवतारी | जय जय लाल साईं सुखकारी || … Read More

Ganga chalisa

गंगा चालीसा स्तुति मात शैल्सुतास पत्नी ससुधाश्रंगार धरावली । स्वर्गारोहण जैजयंती भक्तीं भागीरथी प्रार्थये ।। दोहा जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग । जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग ।। चौपाई जय जय जननी हराना अघखानी । … Read More

Mahakali chalisa

महाकाली  चालीसा दोहा मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय । जान मोहि निज दास सब दीजै काज बनाय ॥ चौपाई नमो महा कालिका भवानी । महिमा अमित न जाय बखानी ॥ तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो । सुर नर मुनिन … Read More

gayatri chalisa

गायत्री  चालीसा दोहा ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचण्ड । शांति क्रांति जागृति प्रगति रचना शक्ति अखण्ड ॥ जगत जननी मंगल करनि गायत्री सुखधाम । प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥ चौपाई भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी … Read More

Bhairav chalisa

भैरव चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण, मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु, लोचन लाल विशाल ॥ || चौपाई … Read More

sai baba chalisa

साईं चालीसा || चौपाई || पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं । कैसे शिरडी साई आए, सारा हाल सुनाऊं मैं ॥ कौन है माता, पिता कौन है, ये न किसी ने भी जाना । कहां जन्म साई … Read More

navgrah chalisa

।।  श्री नवग्रह चालीसा  ।।   चौपाई श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय  । नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय  ।। जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज  । जयति राहु अरु केतु ग्रह करहुं … Read More

shri krishna chalisa

श्री कृष्ण चालीसा ॥ दोहा ॥   बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम । अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज । जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज ॥ चौपाई … Read More

सरस्वती चालीसा

सरस्वती चालीसा :                              ॥दोहा॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। दुष्जनों के पाप को, मातु … Read More