Arati shri Parashuram ji ki

श्री परशुराम जी की ओउम जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी। सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी।। ओउम जय।। जमदग्नी सुत नरसिंह, मां रेणुका जाया। मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया।। ओउम जय।। कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष माला। चरण खड़ाऊँ … Read More