सुन्दरकाण्ड (sundarkand)

Ramayan

          दोहा काम क्रोध मद लोभ सब नाथ नरक के पंथ। सब परिहरि रघुबीरहि भजहु भजहिं जेहि संत ॥38 ॥ चौपाई तात राम नहिं नर भूपाला। भुवनेस्वर कालहु कर काला ॥ ब्रह्म अनामय अज भगवंता। ब्यापक … Read More

Sundarkand (सुन्दरकाण्ड)

Ramayan

          दोहा निमिष निमिष करुनानिधि जाहिं कलप सम बीति। बेगि चलिअ प्रभु आनिअ भुज बल खल दल जीति ॥31 ॥ चौपाई सुनि सीता दुख प्रभु सुख अयना। भरि आए जल राजिव नयना ॥ बचन कायँ मन … Read More

sundarkand (सुन्दरकाण्ड)

Ramayan

          दोहा हरि प्रेरित तेहि अवसर चले मरुत उनचास। अट्टहास करि गर्जा कपि बढ़ि लाग अकास ॥25 ॥ चौपाई देह बिसाल परम हरुआई। मंदिर तें मंदिर चढ़ धाई ॥ जरइ नगर भा लोग बिहाला। झपट लपट … Read More

Sundarkand (सुन्दरकाण्ड)

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          दोहा कछु मारेसि कछु मर्देसि कछु मिलएसि धरि धूरि । कछु पुनि जाइ पुकारे प्रभु मर्कट बल भूरि  ॥18 ॥ चौपाई सुनि सुत बध लंकेस रिसाना। पठएसि मेघनाद बलवाना  ॥ मारसि जनि सुत बाँधेसु ताही। … Read More

sundarkand (सुन्दरकाण्ड)

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          दोहा कपि के बचन सप्रेम सुनि उपजा मन बिस्वास । जाना मन क्रम बचन यह कृपासिंघु कर दास ।। 13 ।। चौपाई हरिजन जानि प्रीति अति गाढ़ी । सजल नयन पुलकावलि बाढ़ी ।। बूड़त बिरह … Read More

sundarkand (सुन्दरकाण्ड)

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          दोहा  निज पद नयन दिएँ मन राम पद कमल लीन । परम दुखी भा पवनसुत देखि जानकी दीन ।। 8 ।। चौपाई तरू पल्लव  महुँ रहा लुकाई । करइ बिचार करौं का भाई ।। तेहि … Read More

Sundarkand (सुन्दरकाण्ड)

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          दोहा पुर रखवारे देखि बहु कपि मन कीन्ह बिचार । अति लघु रुप धरौं निसि नगर करौं पइसार ।। 3 ।। चौपाई मसक समान रुप कपि धरी । लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी ।। नाम लंकिनी … Read More

Sundarkand (सुन्दरकाण्ड)

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          सुन्दरकाण्ड श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफ़णीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरूं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करूणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम् ।। 1 ।। नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽ स्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा । भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंग्ङव निर्भरां … Read More

देवी मन्त्र (DEVI MANTRA)

Bhawani mata

          देवी मन्त्र (DEVI MANTRA) या देवी सर्वभूतेषु मातृ रुपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः || या देवी सर्वभूतेषु शक्ती रुपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः || या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रुपेण संस्थिता | … Read More