ईश्वर / भगवान की प्राप्ति !

ईश्वर अर्थात भगवान को पाना बहुत आसान है मगर उसके लिए आपको बहुत ही ज्ञानी या पूजा पाठ या गुरु की जरूरत नहीं है बस आपको बहुत ही सरल होना जरूरी है , उनके प्रति सच्ची श्रद्धा, विश्वास एवं समर्पण होना जरूरी है। ईश्वर तो सदैव हमारे साथ होते हैं मगर हम उनको देख नहीं पाते हैं । उनको देखने के लिए हमारा सच्चा, सरल, सीधा होना जरूरी है।

हमारा ईश्वर को चाहना केवल शब्दों तक सीमित है, परिणामतः ईश्वर हमें नहीं मिलता । यदि आप सच में ईश्वर से मिलना चाहते है तो ईश्वर के प्रति अपने ह्रदय में अविचलित चाहत जगाइये । ईश्वर को केवल पूजा तक सीमित मत रखिये । उसे दिल में बिठाइए । अपनी यादों में जगाइए । उससे बातें कीजिये । विश्वास कीजिये ईश्वर आपसे दूर नहीं, दूरी केवल दिलों की है ।
जब ईश्वर को आप दिल से चाहेंगे, निश्चय ही उसे दिल में पाएंगे । ईश्वर के प्रति आपका सम्पूर्ण समर्पण होना चाहिए। भगवान से आप जो भी रिश्ता बनाएंगे भगवान उसी रूप में आपकी मदद करेंगे। एक बार आप ईश्वर पर पूर्ण भरोसा करके देखिए तो सही वो आपके भरोसे को कभी टूटने नहीं देंगे। सच में तो हमारे असली माता पिता भगवान, ईश्वर ही हैं। जब वो हमारे माता , पिता हैं तो सोचो कभी कोई भी माँ या बाप अपनी संतान को दुख में देख सकता है क्या ? नहीं । वो तुरंत हमारी सहायता के लिए दौड़ पड़ते हैं। उसी प्रकार अगर हमको हमारे भगवान पर भरोसा है तो वो भी हमारी मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं।
आप कभी भी कभी भी ये मत सोचो कि किसको पूजें या किसको मानें ? सभी भगवान एक हैं उनके नाम एवं रूप अनेकों हैं । आप तो जिस भगवान या इष्ट को मानते हैं उसी को मानते रहिये मगर उनपर पूर्ण विश्वास करें एवं सम्पूर्ण समर्पण भाव से उनकी पूजा करें तो वही आपकी सभी परेशानियों को दूर कर देंगे। कभी कभी हम दूसरे लोगों के बहकावे में आकर अपने इष्ट या भगवान को छोड़कर उनके बताए हुए देवता या भगवान को पूजने लग जाते हैं , हम को ऐसा नहीं करना चाहिए ।इससे कोई फायदा नहीं होता है।

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