शयन कक्ष (बैड रूम )
शयन कक्ष (बैड रूम ) : शयन कक्ष भवन के दक्षिण – पश्चिम किनारे या क्षेत्र में होना चाहिये अगर सभी शयन कक्ष इस क्षेत्र में बनाना संभव नहीं हो तो बाकी शयन कक्षों को पूर्व, उत्तर – पूर्व , दक्षिण – … Read More
शयन कक्ष (बैड रूम ) : शयन कक्ष भवन के दक्षिण – पश्चिम किनारे या क्षेत्र में होना चाहिये अगर सभी शयन कक्ष इस क्षेत्र में बनाना संभव नहीं हो तो बाकी शयन कक्षों को पूर्व, उत्तर – पूर्व , दक्षिण – … Read More
पूजा कक्ष/प्रार्थना कक्ष/उपासना कक्ष/ध्यान कक्ष : पूजाकक्ष हमेशा उत्तर – पूर्व (ईशान ) दिशा में ही बनाना चाहिये यहाँ पर पूजा कक्ष सर्वोत्तम रहता है | देव मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा में और और पूजा करने वाले का मुख पूर्व … Read More
मकान बनाने के लिये प्लाट या निर्माणस्थल का चयन करना :- किसी भी भवन के लिये उसका निर्माण स्थल या प्लाट की मूल आवश्यकता होती है और इसके चुनाव में सबसे अधिक सावधानी रखनी चाहिये | निर्माणस्थल या प्लाट का चयन करते … Read More
शिलान्यास करने व् मुख्य द्वार लगाने का शुभ समय :- वैशाख शुक्ल पक्ष (अप्रैल – मई ), श्रावण मास (जुलाई – अगस्त ), मार्गशीर्ष मास (नवम्बर – दिसंबर) पौष मास (दिसंबर – जनवरी ) और फाल्गुन मास (फरवरी – मार्च) महीने शुभ … Read More
दिशाएँ एवं क्षेत्र :- सूर्य जिस दिशामें उदय होता हैउसदिशा को पूर्व दिशा कहते हैं एवं जिस दिशा में सूर्य अस्त होता है उस दिशा को पश्चिम दिशा कहते हैं , जब कोई पूर्व दिशा की ओर मुहँ करके खड़ा होता … Read More
वास्तुदेव की तीन विशेषताएं होती हैं : – चर वास्तु : इसमें वास्तु पुरुष की नजर या रुख भाद्रपद ( अगस्त, सितम्बर ), आश्विन तथा कार्तिक ( अक्टूबर , नवम्बर ) महीनों के अवधि में दक्षिण की ओर होता है … Read More
वास्तु शिल्प शास्त्र :- वास्तुशिल्प शास्त्र दो भागों में विभाजित किया गया है , १. देवशिल्प : मूर्ति, यज्ञ, यज्ञकुंड,धार्मिक कार्यों आदि और मंदिरों के सभी पहलुओं एवं तकनीक से सम्बन्ध रखता है| २. मानवशिल्प : … Read More
वास्तुशास्त्र की ब्याख्या :- वास्तुशास्त्र भवन निर्माण की एक अदभुत कला है जिसमें सभी दोषों को दूर करके भवन निर्माण की सभी खूबियों का ध्यान रखते हुए निर्माण किया जाता है जिसमें रहने वाले के लिए सभी सुखों का अनुभव … Read More
शुभ शकुन देखना :- यात्रा पर जाने का मुहूर्त रविवार को जावे तो घी एवं पान खाकर जाये , सोमवार को चावल खाकर व् दूध पीकर जाये, मंगलवार को गुड व् आंवला खाकर जाये , बुधवार को तिल व् मीठा … Read More
शुभ मुहूर्त :- भूमि/ प्लाट क्रय विक्रय मुहूर्त :- भूमि एवं प्लाट खरीदने या बेचने हेतु वैशाख , ज्येष्ठ, अषाढ़ , मार्गशीर्ष, माघ, व् फाल्गुन मास की द्वितीय, पंचमी, षष्ठी, दशमी, एकादशी व् पूर्णिमा तिथि में बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार, सोमवार, … Read More